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हिन्दी विभाग :

Profile

हिंदी विभाग की स्थापना वर्ष 1994 में महाविद्यालय के आरंभ होने के काफी समय बाद हुई ।

महाविद्यालय में एम.ए.हिंदी की कक्षाओं का प्रारंभ वर्ष 2017 से हुआ।इसमें कुल 20 सीटें हैं ।

महाविद्यालय में हिंदी को इलेक्टिव विषय के रूप में पढ़ाया जाता है साथ ही कला स्नातक एवं वाणिज्य स्नातक के विद्यार्थियों को अनिवार्य विषय के रूप में भी इसका अध्ययन करवाया जाता है ।

हिंदी के पाठ्यक्रम में हिंदी साहित्य के इतिहास का विवरण दिया जाता है इसके साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाएं उपन्यास ,कहानी ,नाटक, निबंध आदि की जानकारी भी विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है ।

हिंदी विषय में स्नातक करने के पश्चात छात्र परास्नातक, भारतीय प्रशासनिक सेवाएं और राज्य प्रशासनिक सेवा में प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होने के योग्य हो जाते हैं। इसके साथ-साथ छात्र पत्रकारिता, लेखन और अध्यापन व्यवसाय को भी चुन सकते हैं ।

हमारी दृष्टि एवं लक्ष्य

 

  • हमारी दृष्टि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है l हिंदी विभाग हिंदी साहित्य की संपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार करता है । विद्यार्थियों के पठन-पाठन और लेखन कौशल को सुधारना भी विभाग का लक्ष्य है।
  • इस प्रकार के विद्यार्थियों को तैयार करना जो हिंदी विषय के माध्यम से समाज का विकास करें ।
  • विद्यार्थियों में हिंदी विषय के प्रति सकारात्मक माहौल को बनाना 
  • हिंदी विषय के विद्यार्थियों की प्रतिभा को विकसित करना ताकि हिंदी विषय के माध्यम से अपना व्यवसाय चुन सके ।
  • विद्यार्थियों को हिंदी भाषा के संप्रेषण में सशक्त करना ।
  • विद्यार्थियों को इस प्रकार से तैयार करना ताकि आने वाले जीवन में चुनौतियों का सामना कर सके।

उपलब्धियां:

  1. शिक्षण संकाय के पास साहित्य और भाषा के क्षेत्र में बहुमुखी विशेषज्ञता है।
  2. विभाग में स्वस्थ कार्य वातावरण है।
  3. साहित्य के छात्रों के लिए महाविद्यालय पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या उपलब्ध है।
  4. महाविद्यालय में आसपास के महाविद्यालयों से अधिकतर साहित्य के विद्यार्थियों की संख्या है ।

चुनौतियाँ :

  1. अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं जिस कारण विद्यार्थियों का भाषा संप्रेषण और भाषा लेखन तथा वाचन अपरिमार्जित है जिस कारण व्याख्यान के दौरान संवाद योजना प्रभावशाली नहीं रहती ।
  2. पृथक विभाग एवं संकाय कक्ष का अभाव।
  3. साहित्य के विद्यार्थियों की संख्या महाविद्यालय में लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन छात्र शिक्षक अनुपात नई शिक्षा नीति के तहत उपयुक्त नहीं है ।

अवसर :

  1. अनुवाद विज्ञान के क्षेत्र में विद्यार्थी आगे बढ़ सकते हैं ।
  2. साहित्य के छात्र शिक्षा और शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।
  3. भाषा एवं साहित्य के विद्यार्थी प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी अपना भविष्य सफल बना सकते हैं ।
  4. रचनात्मक लेखन के द्वारा विद्यार्थी समाज सेवा में अपनी अहम भूमिका अदा कर सकते हैं ।

भविष्ययोजनाएँ:

  1. महाविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करवाना ।
  2. साहित्य से जुड़े विद्यार्थियों को काव्य गोष्ठियों एवं कहानी कार्यशाला ओं से जोड़ना ।
  3. हिंदी भाषा एवं साहित्य से जुड़े साहित्यकारों के व्याख्यानों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करवाना ।
  4. हिंदी साहित्य से जुड़े विद्यार्थियों में रचनात्मक कौशल विकास करने के लिए कार्यशाला है आयोजित करवाना ।

विभाग की स्ट्रेंथ

  • हिंदी विभाग में कार्यरत तीनों ही प्राध्यापक यूजीसी के नियम के अनुसार अपनी शैक्षणिक योग्यता रखते हैं।
  • महाविद्यालय के विद्यार्थी हिंदी साहित्य में अत्यधिक रुचि लेते हैं।
  •  हिंदी विभाग अध्यापन और पाठ्यक्रम को पूरा करने की क्षमता रखता है। 
  • हिंदी विभाग का परीक्षा परिणाम हमेशा 95% से ऊपर रहता है।
  • हिंदी विद्यार्थियों की मातृभाषा है इसलिए हिंदी को समझने में विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता।
  •  विभाग के प्राध्यापक अनुभवी गतिशील और परिणाम आधारित है।

 

कमियाँ

  • विभाग के अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं इसलिए बातचीत करने में संकोच करते है।